यह सुनिश्चित करेें कि आप अपनी नींद पूरी कर रहे हैैं, स्वस्थ-संतुलित भोजन नियमित रूप से खा रहे हैैं, और वो चीज़ें कर रहे हैैं जिनसे आप रिलैक्स महसूस करते हैैं (जैसे सैर के लिए जाना, मैडिटेशन, गाने सुनना, इत्यादि)।
अपने लिए समय नि कालेें
अपने प्रियजन की मदद के लिए अपना पूरा समय न दे पाने पर दोषी महसूस करने की आवश्यकता नही ंह।ै आपको अपनी ज़रूरतो ंका ख़याल भी रखना है। अपने रोज़मर््ररा के जीवन मेें ऐसी गतिविधियों को शामिल करने के तरीके ढूंढिए जिन्हहें करने मेें आपको मज़़ा आता है।
जुड़़े रहेें
समय-समय पर दोस््तोों, परिवार के लोगों, और अन्य प्रियजनों से मिलते रहेें। ऐसी गतिविधियों मेें सहभागी बनिए जो आपको दूसरों से जुड़़े रहने मेें मदद करती हैैं और यह एहसास दिलाती हैैं कि लोग आपसे प्यार करते हैैं।
सीमा तय करेें
यह स्पष्ट रूप से बताएं कि आप किस प्रकार की सहायता कब तक कर सकते हैैं। यदि यह सब बोझिल लगने लगे, आप उस व्यक्ति के सपोर््ट ग्रुप मेें से किसी से मदद मांग सकते हैैं।
खुद पर दया दिखाएं
कभी-कभी, मदद करने की सबसे अच्छी कोशिश के बावजूद, किसी व्यक्ति की हालत मेें सुधार नहीं आता या उनकी सुसाइड से मौत भी हो सकती है। ऐसी परिस्थितियों मेें खुद को दोषी मानना या पूरा इलज़़ाम अपने ऊपर डालने की भावना आ सकती है। किसी बात को महसूस करने का कोई सही या गलत तरीका नहीं है, लेकिन यह ज़रूरी है कि जो कुछ हो रहा है उसके लिए हम खुद को दोष न देें। याद रखेें, आप किसी दूसरे व्यक्ति के जीवन या निर््णयों के लिए ज़़िम्मेदार नहीं हैैं।
अपनी भावनाओ ंके बार ेमेें बात करे ें
अपनी भावनाओं के बारे मेें किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ (डॉक्टर, काउंसलर, थेरेपिस्ट) से बात करने से मदद मिल सकती है और आगे बढ़ने का रास्ता ढँूढा जा सकता ह।ै आप किसी पीयर सपोर््ट ग्रुप मेें शामिल होकर ऐसे लोगों से जुड़ सकते हैैं जिन्हहें आपके जैसे अनुभव हैैं।