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दुःख की भावनाओं को समझे और यह जाने की आप इस मुश्किल समय में खुद की संभाल कैसे कर सकते हैं।
अपने किसी प्रियजन को सुसाइड के कारण खो देना बहुत दुखदायी होता है। किसी को खोने पर, शोक मनाना एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया और बहुत ही व्यक्तिगत अनुभव है। सब शोक का अनुभव अपने तरीके से करते हैैं। आप कई गहरी भावनाओं का अनुभव कर सकते हैैं जैसे सदमा, भ्रान्ति (कन्फ्यूज़न), गुस्सा, दुःख,ग्लानि, और शर््म। इससे जुड़़े मिथकों के कारण समाज से सहायता न ले पाना, शोक के अनुभव को अधिक कठिन बना देता है।
याद रखेें, आपको इससे अकेले गुज़रने की ज़रूरत नहीीं है। किसी को खोने का आपका दुःख कोई दूर नहीीं कर सकता, लेकिन आपकी तकलीफ़ को कम करने के रास्ते मौजूद हैैं।
शोक के कई रूप होते हैैं और यह कभी भी, मृत्यु के काफ़़ी समय के बाद भी, उभर कर आ सकते हैैं। यह याद रखने से मदद मिलेगी कि शोक व्यक्त करने का कोई सही या गलत तरीका नहीं होता है। आप जब भी कुछ महसूस करेें, खुद को अपनी भावनाओ ं का अनुभव करने की छू ट देें। हर उस भावना का अर््थ और अनुभव हम सब के लिए अलग-अलग हो सकता है। फिर भी, उन भावनाओं को पहचानना और ध्यान मेें रखना अच्छा रहेगा, क््योोंकि जब यह कठिन भावनाएं उमड़ कर आएँगी तब इनका सामना करने मेें आसानी होगी।
ग्लानि
सुसाइड को रोका नहीं जा सका, यह सोचकर आपको ग्लानि (अपराध-बोध) या असफलता की भावना का अनुभव हो सकता है। हो सकता है आप खुद से यह पूछते रहेें, ‘मैैंने अगर चेतावनी के संकेतों को पहले पहचान कर कुछ किया होता तब क्या हुआ होता’। आप शायद खुद को किसी ऐसी चीज़ के लिए दोषी ठहराएं, जिसे आपने उनकी मृत्यु से पहले किया या कहा हो। वास्तव मेें, कोई नही ं बता सकता कि भविष्य मेें क्या होगा, और न ही किसी को यह पता होता है कि एक व्यक्ति कोई कदम क््योों उठा रहा है। यह मानव स्वभाव है कि शोक का अनुभव करते समय, इस सच्चाई को मानने के बजाय कि कुछ चीज़ें हमारे बस के बाहर हैैं, हम स्वयं को दोष देने लगते हैैं।
सदमा
अपने प्रियजन के सुसाइड की खबर सुनकर आपको सदमा लग सकता है। आपके मन मेें मृत्यु की दर््दनाक छवि बार-बार आ सकती है। इसका आपके शरीर पर भी परिणाम हो सकता है जैसे कि,मतली आना, सांसेें तेज़ होना, सीने मेें दर््द और नींद आने मेें कठिनाई होना। सुसाइड के कारण किसी को खोने के बाद यदि आपको इनमेें से कोई भी शारीरिक प्रतिक्रिया लंबे समय तक हो रही हो, तब किसी डॉक्टर या मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से परामर््श करने मेें कोई हर््ज नहीं है।
अवि श्वास
आपको इस बात को स्वीकार करने मेें कठिनाई हो सकती है कि आपके प्रियजन की मृत्यु हो चुकी है। यह बहुत सारे लोगों के लिए एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। जैसे-जैसे उनके चले जाने की सच्चाई की वास्तविकता सामने आएगी, इस प्रतिक्रिया की तीव्रता समय के साथ कम हो जाएगी।
सुन्न पड़ना
आप जब पूरी तरह सुन्न पड़ जाते हैैं तब आप शायद कुछ भी महसूस न कर पाएं। कुछ लोगों मेें, किसी को खोने के दुःख का एहसास होने मेें समय लग सकता है।
निराशा
दुःख की गहरी भावना और निराशा, अगले कुछ महीनों और सालों मेें बार-बार वापस आ सकती है। आप उदासी और असहायता से बोझिल महसूस कर सकते हैैं। सुसाइड के कारण शोक सहते कुछ लोगों को खुद सुसाइड करने की भावनाओं और ऐसे विचारों का अनुभव हो सकता है। आपको यदि ऐसा लगे कि आप भी यह महसूस कर रहे हैैं, मदद के लिए हाथ बढ़़ाएं। इस समय सुसाइड ही छुटकारे का एक ऑप््शन नज़र आ रहा होगा, लेकिन जीवन मेें आशा बाकी है और आप इससे बाहर आ सकते हैैं।
भ्रान्ति (कन्फ्यूज़न)
सुसाइड के शोक का सबसे कठिन पहलू है, कभी भी यह पूरी तरह न समझ पाना कि आखिर आपके प्रियजन ने अपनी जान क््योों ली। आप इस सवाल के बारे मेें बार-बार सोच सकते हैैं, लेकिन इसका जवाब न मिलने का सिलसिला जारी रह सकता है। सुसाइड के मूल कारण ज्यादातर सरल नहीं होते और सुसाइड का कभी सिर्फ़ एक कारण भी नहीं होता।
गुस्सा
आपको अपने प्रियजन पर इस बात का गुस्सा आ सकता है कि उन््होोंने आपको इतने दुःख के साथ अकेला छोड़ दिया। आपको खुद पर या किसी और पर इस बात का गुस्सा भी आ सकता है कि आप या वो सुसाइड को रोक क््योों नहीं पाए। यह भावनाएं जटिल और कष्ट देने वाली होती हैैं। यह जानना ज़रूरी है कि, एक ही समय पर किसी पर गुस्सा होना और साथ ही उनके लिए दिल मेें प्यार होना संभव है। कभी-कभी, अपने नुकसान की वास्तविकता अपनाने के लिए गुस्सा करना एक ज़रूरी कदम हो जाता है।
शर््म
हमारे समाज मेें चले आ रहे सुसाइड से जुड़़े मिथकों के कारण आप शर्ममिंदा भी महसूस कर सकते है। लोग आपके बारे मेें क्या धारणाएं बनाएँगे, इस डर से आप समझ नहीं पाते कि लोगों को इसके बारे मेें क्या बताएं। इससे आपका शोक और भी बढ़ सकता है। आप जब तक अपनी भावनाओं पर काम कर रहे हैैं, तब तक किसी विश्वसनीय व्यक्ति से बात करके उनके साथ संपर््क कायम रख सकते हैैं। आपको अपने प्रियजन के सुसाइड पर डरावने सपनो,ं परु ानी यादो ंके साथ संघर््ष, किसी काम को करने मेें मन नहीं लगना और लोगों से दूर रहने के रूप मेें गहरी प्रतिक्रियाएं हो सकती हैैं। यह प्रतिक्रियाएं बहुत कष्ट दे सकती हैैं, लेकिन इन भावनाओं पर काम किया जा सकता है। कई मामलों मेें, यह भावनाएं कम हो जाएंगी और आप समय के साथ उन्हहें बेहतर तरीके से संभालना सीख जाएंगे।
ऐसे लोगोों के साथ समय बि ताएं जोआपकी देखभाल करे ें
आपका मन शायद लोगों के आस-पास रहने का न करे, लेकिन यह ज़रूरी है कि जो लोग आपको प्रेम, सहायता, और सहानुभूति देना चाहते हैैं, उसे स्वीकार करने के लिए खुद को तैयार रखेें। जिन लोगों पर आपको विश्वास है और जो आपकी बातेें सुनना चाहते हैैं, उनसे जुड़़े रहे। अपनी भावनाओं के बारे मेें किसी से बात करने से आपको अके लेपन का एहसास कम करने मेें मदद मिलेगी। अपनी ज़रूरतों के बारे मेें लोगों को बताने से न डरेें।
एक दिनचर््यया बनाएं
शुरुआत मेें, शोक के कारण एक-एक दिन गुज़़ारने मेें आपकी पूरी शक्ति लग सकती है। आप यदि ऐसी चीज़ें नही ंकर पा रहे जो “आपको करनी चाहिए”, तो कोई बात नही।ं शोक के इस समय मेें आपको अपना ख़याल रखना ज़््यादा ज़रूरी है, लेकिन अगर आप एक दिनचर््यया बना लेें तब आपको मदद मिलेगी। इससे आपको एहसास होगा कि ज़़ििंदगी मेें उम्मीद बाकी है और वह वापस नार््मल हो रही है।
अपने तरीके से शोक व्यक्त करे ें
शोक व्यक्त करने का कोई “सही तरीका” नहीं होता है। आप विचार और भावनाएं अपने मन के हिसाब से ज़़ाहिर करेें। आपको अगर तकलीफ़ होती हो, तब ऐसे लोगों के साथ संपर््क कम कर देें जो बताते हैैं कि आपको कैसे महसूस करना और सोचना चाहिए। आप चाहेें तो अपनी भावनाओं के बारे दूसरों को बता सकते हैैं और न चाहेें तो अकेले मेें उन्हहें महसूस करके व्यक्त कर सकते हैैं। आप यदि बात न करना चाहेें तब दिन मेें कुछ समय अलग से निकालकर शोक कर सकते हैैं। किसी भी तरह, अपने अनुभव को स्वीकार करने से आपको मदद मिलेगी।
अपने स्वास्थ्य की देखभाल करे ें
शोक के शुरुआती समय मेें अपनी बुनियादी ज़रूरतों की देखभाल करना मुश्किल होता है, लेकिन आपके शरीर को भावनाओं का सामना करने के लिए ताकत चाहिए। इसलिए, थोड़़ा-थोड़़ा खाना खाते रहे, शरीर को थोड़़ा एक्टिव रखेें (हलचल करते रहेें), नहाएं, और पानी पीते रहेें।
खुद को समय देें
धीरज से काम लेें और खुद पर दया दिखाएं। दूसरों की उम्मीदों पर खरा उतरने की जल्दी न करेें। शोक ऐसी प्रक्रिया है जिसमेें समय लगता है। आपको गहरे दुःख से भरी असफलताओं का सामना निरंतर करना पड़ सकता है। कोई बात नहीं अगर ऐसा होता है। आपके मूड को बदलने वाले कुछ ट््ररिगर््स (उदाहरण के लिए, कुछ लोगों से बातचीत, ख़़ास मौके जैसे जन्मदिन) के बारे मेें जानने से आपको उनका सामना करने के तरीकों (उदाहरण के लिए, बातचीत को सीमित करना, रिलैक्सेशन की प्रैक्टिस करना) की पहचान हो सकती है।
उस व्यक्ति को याद करने के अवसर बनाएं
आपको जब लगे कि आप आप तैयार हैैं, आप उस व्यक्ति को याद करने का एक प्लान बना सकते हैैं। आपको सामूहिक स्मरण मेें भाग लेने की कोई आवश्यकता नहीं है। आप —
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